कहाँ भागा वो चीनी कौन जन्म का शाप रहा, खुशियां यूँ छीनीं। कहाँ भागा वो चीनी कौन जन्म का शाप रहा, खुशियां यूँ छीनीं।
आओ सुनाऊ एक परिंदे की कहानी। बाग में देखा मैंने मैंना हुई सयानी ।। आओ सुनाऊ एक परिंदे की कहानी। बाग में देखा मैंने मैंना हुई सयानी ।।
तोता तोता
अब मिलती नही ऐसी दोस्ती कि बचपन की याद आ जाती हो। अब मिलती नही ऐसी दोस्ती कि बचपन की याद आ जाती हो।
रहेगा सीखता मानव की बोली होकर स्वर्ण-पिंजरे में बंद ! रहेगा सीखता मानव की बोली होकर स्वर्ण-पिंजरे में बंद !
हरे रंग के पंख फैलाकर खुले आसमान में हंसता फिरता! हरे रंग के पंख फैलाकर खुले आसमान में हंसता फिरता!